Thursday, 22 March 2018

22 मार्च –क्रांतिकारी सूरजो सेन का जन्म हुआ

1893 में चटगांव विद्रोह का सफल नेतृत्व करने वाले महान क्रांतिकारी सूर्य सेन ( सूरजो सेन) का जन्म हुआ।  वे भारत की स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रान्तिकारी थे। उन्होने इंडियन रिपब्लिकन आर्मी की स्थापना की और चटगांव विद्रोह का सफल नेतृत्व किया। वे नेशनल हाईस्कूल में सीनियर ग्रेजुएट शिक्षक के रूप में कार्यरत थे और लोग प्यार से उन्हें मास्टर दा कहकर बुलाते थे।  ब्रिटिश सरकार ने सूरजो सेन को12 जनवरी 1934 को मेदिनीपुर जेल में फांसी दे दी।


0752 में स्टीफेन द्वितीय 23वें कैथोलिक पोप चुने गए। 
1739 में आक्रमणकारी नादिर शाह ने अपनी सेना को दिल्ली मे जनसंहार की इजाजत दी। यह कत्लेआम 58 दिनों तक चलता रहा।
1890 में रामचंद्र चटर्जी पैराशूट से उतरने वाले पहले व्यक्ति बने।
 1895 में आज ही के दिन लुमियर ब्रदर्स ने फिल्म प्रोजेक्टर के जरिए पेरिस में पहली मोशन पिक्चर का जनता के सामने प्रदर्शन किया था।
1923 में पहली बार आइस हाकी मैच का रेडियो से प्रसारण हुआ।
1942 में सर स्टैफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में क्रिप्स मिशन भारत आया।
1947 में आखिरी वायसराय लार्ड माउंटबेटन भारत पहुंचे।
1956 में अमरीका में रंगभेद विरोधी नेता मार्टिन लूथर किंग को एक नस्लवादी कानून का विरोध करने के कारण जेल हुई थीइनके नेतृत्व में अलबामा राज्य में मौजूद तमाम काले लोगों ने राज्य में चलने वाली बसों का बहिष्कार कर दिया था।
1957 में शक पर आधारित राष्ट्रीय कैलेण्डर अंगीकार किया गया।
1964 में पुरानी कारों की पहली रैली कोलकाता में आयोजित।

1969 में इंडियन पेट्रोकैमिकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड का उद्घाटन हुआ।
1979 में इजरायल की संसद ने मिस्र के साथ शांति संधि को मान्यता दी।
1982 में नासा ने अपने अंतरिक्ष यान कोलंबिया को तीसरे मिशन पर लिए रवाना किया।

1993 में 22 मार्च को वार्षिक आयोजन के रूप में विश्व जल दिवस हर साल  मनाया जाने का निर्णय लिया गया। यह निर्णय संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने लिया।

2000 में फ्रेंच गुआना के कोरु से इनसेट बी का प्रक्षेपण किया गया।
2002 में ब्रिटेन में गले के नीच पूरे शरीर में लकवे से ग्रस्त एक महिला को इच्छा मृत्यु का अधिकार दिया गया। इस मुक़दमे को सुन रही जज एलिज़ाबेथ बटलर स्लौस ने महिला को इस बारे में फिर से विचार करने को कहा था। इस महिला की उम्र 43 साल थी और पूरे मुकदमे के दौरान उसकी निजता की रक्षा करने के लिए उसे श्रीमती बी के नाम से पुकारा गया।
 ( HISTORY OF THE DAY, EVENTS OF THE DAY, WHAT HAPPEN ON THIS DAY ) 

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