1556 में मुगल सम्राट हुमायूं की मृत्यु हुई। उसका मकबरा नई दिल्ली में है जो वास्तुकला का सुंदर नमूना है।
1666 में फ्रांस
ने इंग्लैड के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा की।
1841में हांगकांग ब्रिटिश कब्जे में चला
गया।
1845 में ब्रिटिश जनरल चार्ल्स गार्डन
सूडान में मारे गए।
1930 में ब्रिटिश शासन के अंतर्गत भारत
में पहली बार स्वराज दिवस मनाया गया।
1931में ‘सविनय अवज्ञा आंदोलन’ के दौरान ब्रिटिश सरकार
से बातचीत के लिए महात्मा गांधी रिहा किए गए।
1931में हंगरी
और ऑस्ट्रिया ने ‘शांति संधि’ पर हस्ताक्षर किए।
1934 में जर्मनी
और पौलैंड के बीच दस वर्षीय अनाक्रमण संधि हुई।
1963
में
मोर
के अद्भुत सौंदर्य के कारण भारत सरकार ने 26 जनवरी को इसे
राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया।
1972 में युद्ध में शहीद सैनिकों की याद
में दिल्ली के इंडिया गेट पर ‘अमर जवान राष्ट्रीय
स्मारक’ की स्थापना की गई।
1981 में पूर्वोत्तर भारत में हवाई
यातायात सुगम बनाने को ध्यान में रखते हुए हवाई सेवा वायुदूत प्रारम्भ हुई।
1982 में पर्यटकों
को विलासितापूर्ण रेल यात्रा का आनंद दिलाने के लिए भारतीय रेल ने पैलेस ऑन
व्हील्स सेवा शुरू की।
1990 में रोमानिया
के उपराष्ट्रपति डी. माजिलू ने इस्तीफ़ा दिया।
1991में
इराक
ने अपने सात विमान ईरान भेजे।
1999 में महिलाओं
के यौन शोषण पर विश्व सम्मेलन का ढाका (बांग्लादेश) में आयोजन।
2000 में कोंकण
रेलवे परियोजना पूर्ण हुई और प्रथम यात्री गाड़ी चलाई गई।
2001
में भारत में 26 जनवरी गुजरात के लिए तबाही लेकर आया। विनाशकारी भूकंप ने करीब कई हजार लोगों
को लील लिया, जबकि चार लाख घरों को नेस्तनाबूद कर दिया।
2018 में बांग्ला फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री सुप्रिया देवी का निधन हो गया. वे ऱितिविक घटक की मेघा ढके तारा में नजर आईं थीं. उनका जन्म 8 जनवरी 1935 को म्यांमार में हुआ था। साल 1963 में सुप्रिया देवी धर्मेद्र के साथ फिल्म ‘बेगाना’ में नजर आईं। इसके बाद 1964 में वे ‘आप की परछाईयां’ में फिर धर्मेंद्र के साथ नजर आईं। वे 1964 में किशोर कुमार की फिल्म ‘दूर गगन की छांव में’ भी मुख्य भूमिका में थीं।
2018 में बांग्ला फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री सुप्रिया देवी का निधन हो गया. वे ऱितिविक घटक की मेघा ढके तारा में नजर आईं थीं. उनका जन्म 8 जनवरी 1935 को म्यांमार में हुआ था। साल 1963 में सुप्रिया देवी धर्मेद्र के साथ फिल्म ‘बेगाना’ में नजर आईं। इसके बाद 1964 में वे ‘आप की परछाईयां’ में फिर धर्मेंद्र के साथ नजर आईं। वे 1964 में किशोर कुमार की फिल्म ‘दूर गगन की छांव में’ भी मुख्य भूमिका में थीं।
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